उज्जैन में बुलडोज़र एक्शन: बेगमबाग में अंगारा रेस्टोरेंट समेत दो अवैध निर्माण ध्वस्त, प्रशासन ने बुलडोज़र चलाकर किया ध्वस्त; अब तक टूट चुके 12 मकान!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन में लीज शर्तों का उल्लंघन कर बनाई गई अवैध संपत्तियों पर प्रशासन का बड़ा एक्शन देखने को मिला। शुक्रवार को बेगमबाग मार्ग स्थित अंगारा रेस्टोरेंट और एक मकान को संयुक्त टीम ने जमींदोज कर दिया। कार्रवाई उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए), नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस बल की मौजूदगी में की गई। अमला जेसीबी और पोकलेन मशीन के साथ मौके पर पहुंचा था।

कोर्ट में हारे मालिक

यह कार्रवाई प्लाट नंबर-19 पर की गई, जहां एक ही भूखंड पर रेस्टोरेंट और मकान खड़े थे। संपत्ति धारकों ने लीज की शर्तों का पालन नहीं किया और मामले को लेकर कोर्ट भी गए। हालांकि, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने ही विकास प्राधिकरण के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसके बाद यह कार्रवाई अमल में लाई गई।

1980 से लीज नहीं भरी गई

यूडीए सीईओ संदीप सोनी के मुताबिक, बेगमबाग मार्ग पर स्थित कई संपत्तियों की लीज 1980 से नवीनीकृत नहीं की गई थी। कुछ लोगों ने लीज शर्तों का पालन न करते हुए मकान बेच दिए, तो किसी ने रेजिडेंशियल प्लाट पर होटल और रेस्टोरेंट खड़े कर दिए। इस मामले में करीब दो साल पहले 28 संपत्ति धारकों को नोटिस थमाए गए थे।

पहले भी टूट चुके हैं 12 मकान

विकास प्राधिकरण ने इससे पहले भी कई बार कार्रवाई की है। अब तक तीन अलग-अलग कार्यवाहियों में 12 मकान तोड़े जा चुके हैं। शुक्रवार की कार्रवाई में 19 नंबर प्लाट पर बनी दो अवैध संरचनाओं को ध्वस्त किया गया। इस दौरान मौके पर सीईओ संदीप सोनी, नगर निगम अपर आयुक्त संतोष टैगोर, एसडीएम एलएन गर्ग समेत भारी पुलिस बल मौजूद रहा।

यूडीए के अधिकारियों ने बताया कि महाकाल मंदिर के नीलकंठ द्वार से सटी बेगमबाग कॉलोनी की 28 संपत्तियों की लीज वर्ष 2014 में समाप्त हो चुकी थी। इसके बावजूद लोगों ने नियमों का उल्लंघन कर वहां पर रेजिडेंशियल भूमि पर कमर्शियल प्रॉपर्टी विकसित कर दी। इतना ही नहीं, कुछ प्लाटों के टुकड़े कर अलग-अलग लोगों को बेच दिया गया।

प्राधिकरण के मुताबिक, यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और जिन संपत्तियों पर लीज उल्लंघन के चलते अवैध निर्माण खड़ा है, उन पर बुलडोज़र चलाया जाएगा। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई सिर्फ अवैध कब्जों को हटाने की नहीं है, बल्कि महाकाल क्षेत्र के विकास और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की दिशा में एक ठोस कदम है।

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